#कांग्रेश पार्टी खत्म होने के कगार पर।
आप सोच रहे होंगे कि राहुल गांधी की यात्रा मे बहुत भीड लगी हुई है और आने वाले समय मे राहुल गांधी प्रधान मन्त्र बन जायेंगे । तो आपकी यह सोच गलत साबित हो सकती है। यह मुश्किल ही नही नामुमकिन भी है। किसी की झूठी बुराई करने वाला कभी कामयाबी नहीं पा सकता है । उसके कामयाब न होने के कारण नीचे पढे ।
राहुल गान्धी ने कभी भी किसी मनतरी के पद पर काम नहीं किया तो कैसे वह एक दम प्रधान मन्त्री की कुरसी संभाल सकता है।
वह तपस्वीयो का वेश धारण कर रहा है । उसे सनातन धर्म के बारे मे किसी भी तरंह का ग्यान नही है। जिस चीज की जानकारी न हो उस के बारे मे बाते करना कया मूरखता नही है। वह बोल रहा है कि यह देश पुजारीयो का नही है बल्कि तपस्वीयो का है। एक मन्दिर का पुजारी 3- 4 बजे सवेरे उठ कर मन्दिर की देखभाल करता है पूजा पाठ करता है कया यह तपसय नही है। कया वह तपस्वी नही है।
राहुल कहता है कि वह नफरत के बाजार मे मोहब्बत की दुकान खोलने आया है। हमारे भारत देश मे कौन सी नफरत है ? जिसको यह मिटाने आया है। यह तो खुद ही नफरत के बीज बोने आया है। ये इस के पास कोई एजेंडा है जो कि नफरत दूर कर सके। महगाई दूर कर सके। बेरोजगारी दूर कर सके इस इनसान के पास सिर्फ और सिर्फ बुराई करने का एजेंडा है। अगर नफरत दूर करनी है तो 1984 मे हुए अत्याचारों के लिए सिख समुदाय से माफी मांगे। Emergency के लिए भारत के लोगों से माफी मांगे।
यह कब से हिन्दू बन गया। पहले हिन्दू तो बन। शिवजी को पढने के लिए कह रहा है कया शिवजी पढने की किताब है बल्कि पूजा करने के लिए है। कभी बोलता है जय शिया राम बोलो । इस मन्द बुद्धि इनसान से पूछो राम बोलने मे कौन सा पाप है। शिया भी राम की शक्ति है । इसको चाहिए कि वह पहली कक्षा से पढाई करना शुरू करे। गीता पढे, महाभारत पढे। अर्जुन तो यह सात जन्म मे भी नही बन सकता । इसको पांडव किसने बनाया, इसको अपनी शक्ल देखनी चाहिए । नोट बन्दी से इसको कयो नफरत है ।
यह इनसान कांग्रेश का काल बन के आया है। खडगे को congress का अधयकस बनाया है उसको तो बोलना भी नही आता ।
आने वाले समय मे इस पार्टी का नामो-निशान भी खत्म हो जायेगा ।